odisha me ghumne ki jagah – अगर तुम कभी भारत के नक्शे को ध्यान से देखते हो तो आपको पूर्वी तरफ बंगाल की खाड़ी के किनारे एक बहुत ही खूबसूरत राज्य देखने को मिलता है जो की उड़ीसा है ओडिशा राज्य की बात ही एकदम अलग है एक तरफ पुराने मंदिर है जो पत्थरों में इतिहास को दिखाते हैं मैं दूसरी तरफ झील पहाड़ और जंगल है जो दिल को काफी सुकून देते हैं यहां का भुवनेश्वर शहर मंदिरों का शहर कहलाता है और पूरी भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा के लिए पूरी दुनिया में फेमस है कोणार्क मंदिर जो ऐसा लगता है जैसे किसी कलाकार ने पत्थर को अपनी आत्मा दे दि है अगर आप भारत में कहीं भी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आप उड़ीसा घूमने के लिए जा सकते हैं क्योंकि उड़ीसा एक खूबसूरत राज्य है और उड़ीसा में घूमने के लिए बहुत सारी जगह हैं अगर आप उड़ीसा घूमने का प्लान बना चुके हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़ सकते हैं क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको odisha me ghumne ki jagah से संबंधित सारी जानकारी हिंदी में उपलब्ध कराएंगे
1. कोणार्क सूर्य मंदिर – odisha me ghumne ki jagah
यह मंदिर उड़ीसा के पुरी जिले में स्थित है और यह भगवान सूर्य को समर्पित है इसे 13वीं शताब्दी में गंग वंश के राजा नरसिंह देव प्रथम ने बनवाया था कोणार्क मंदिर को विश्ब हेरिटेज साइट का दर्जा भी प्राप्त है यह मंदिर एक विशाल रथ के आकार में बना है जिसमें 24 पत्थर के पहिए हैं और यह पहिए समय के प्रतीक माने जाते हैं हर पहिए लगभग 12 फीट ऊंचा है और इतनी बारीकी से डिजाइन डाली गई है कि देखने वाले बस देखते ही रह जाए मंदिर को खींचते हुए सात घोड़े को दिखाया गया है जो सप्ताह के 7 दोनों का प्रतीक माने जाते हैं यह रथ सूर्य देव को लेकर आकाश में दौड़ते हुए प्रतीत होते हैं यह मंदिर वास्तु कला का अद्भुत नमूना है विज्ञान और खगोल शास्त्र का ज्ञान भी बारीकी से छिपा हुआ है अगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको यह जगह घूमने के लिए जरूर जानी चाहिए
2. श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी – odisha me ghumne ki jagah
उड़ीसा के पुरी शहर में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर भगवान के सबसे पवित्र प्राचीन मंदिरों में से एक यह भगवान जगन्नाथ श्री कृष्ण को समर्पित किया गया है और यह चार धामों में से एक माना जाता है चारो धाम बद्रीनाथ द्वारका और रामेश्वरम में यह मंदिर चौथा है धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है मंदिर में तीन मुख्य देवता विराजमान है श्री जगन्नाथ कृष्णा उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा इन तीनों की मूर्तियां लकड़ी से बनी है और हर 12 से 19 साल साल में बदली जाती है इस मूर्तियों को बदलने की परंपरा को नवकलस कहा जाता है पूरी की रथ यात्रा पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है और हर साल जून जुलाई में तीनों भगवान को रथ दत्ता में बिठाकर मंदिर से बहार गुंडेचा मंदिर तक ले जाया जाता है जिसमें लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं अगर आप उड़ीसा जा रहे हैं तो आपको जगन्नाथ पुरी घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए जरूर जाना चाहिए
3. भुवनेश्वर – odisha me ghumne ki jagah
भुवनेश्वर उड़ीसा की राजधानी मंदिर और संस्कृति और आधुनिकता का शानदार मेल इसे मंदिरों का शहर कहा जाता है क्योंकि यहां सैकड़ो प्राचीन मंदिर है भुवनेश्वर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है याह मौसम ठंडा और संत रहता है भुवनेश्वर मैं आपको कई सारे मंदिर देखने को मिल जाएंगे क्योंकि 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच यहां पर कई सारे मंदिर बनाए गए हैं जिनमें कुछ मंदिर प्रमुख है जैसे लिंगराज मंदिर यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और कालिंग शैली को दर्शाता है इसके अलावा मुक्तेश्वर मंदिर जो दसवीं शताब्दी में बनाया गया था राजा रानी मंदिर प्रेम का मंदिर इस मंदिर को बोला जाता है और परशुराम मंदिर जो 7 बी शताब्दी का सबसे पुराना मंदिर है अगर आप उड़ीसा जा रहे हैं तो आपको उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए
4. कटक (Cuttack) – odisha me ghumne ki jagah
कटक उड़ीसा का पुराना और ऐतिहासिक शहर है जो कभी राज्य की राजधानी हुआ करता था और 1948 तक इसे ही राज्य की राजधानी माना जाता था अभी कटक भुबनेश्वर से 25 किलोमीटर दूर है और व्यापार का हब है नदी के किनारे बसाया यह शहर अपनी दुर्गा पूजा चांदी की कारीगरी और टेस्टी खाने के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है अगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको कटाक जरूर जाना चाहिए दुर्गा पूजा कटक की दुर्गा पूजा पूरे देश भर में प्रसिद्ध है इसके अलावा यहां पर आपको बहुत कुछ देखने के लिए मिल जाएगा अगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको कटक घूमने के लिए अभी जरूर जाना चाहिए
5. गोपालपुर (Gopalpur) – odisha me ghumne ki jagah
गोपालपुर उड़ीसा के गंजम जिले में स्थित है जो भुबनेश्वर से 16 किलोमीटर दूर है बंगाल की खाड़ी के तट पर बसा हुआ है और एक समय में यह एक प्रसिद्ध बंदरगाह हुआ करता था यहां का समुद्र तट में शांत और साफ है और कम भीलवाड़ा वाला है सूरज की किरण जब पानी पर पड़ती है तो ऐसा लगता है जैसे सोना चमक रहा हो यह जगह कपल्स फैमिली और सोलो ट्रैवलर्स के लिए काफी अच्छी मानी जाती है गोपालपुर बीच पर सुबह और शाम को ठंडी हवा आत्मा को सुकून देती है ब्रिटिश काल में यह एक बिजी पोर्ट हुआ करता था अगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको यह जगह देखने के लिए भी जरूर जाना चाहिए
उड़ीसा घूमने के लिए कब जाएं – odisha me ghumne ki jagah
अगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपके लिए सर्दी का मौसम अच्छा होने वाला है क्योंकि सर्दी के मौसम में टेंपरेचर 30 डिग्री तक जाता है जिससे मौसम काफी अच्छा रहता है और घूमने के लिए उड़ीसा काफी अच्छा माना जाता है सर्दी के मौसम में अगर आप रथ यात्र देखना चाहते हैं तो आपको गर्मी के मौसम में जाना होगा क्योंकि रथ यात्रा जून से जुलाई के बीच निकली जाती है जबकि आप हरियाली देखना चाहते हैं तो आपको बरसात के मौसम में यहां पर जाना चाहिए
निष्कर्ष – odisha me ghumne ki jagah
दोस्तों हमने हमारे देश आर्टिकल में आपको उड़ीसा के बारे में बताया है उड़ीसा कैसा राज्य उड़ीसा में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह हैं और उड़ीसा घूमने के लिए कब जाना चाहिए अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल अच्छा लगता है और इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको समझ आ गया है कि हम उड़ीसा घूमने के लिए कब जा सकते हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल odisha me ghumne ki jagah कैसा लगा धन्यवाद
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